सोचा..थोडा प्रगती के बारे मैं....

 सोचा..थोडा प्रगती के बारे मैं....

इसबार मेरे फासे गिर रहे है
इसबार मेरे इरादे बन रहे है
तरक्की की राह मैंने चुनी है
तकदीर की डोर मैंने थामी है
अब बस इतना ही ध्यान रखना है
बहुत ऊंचाई पर पहुंचे फिर भी
पैर जमीन पर टिके रखना है ||

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